Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana Secrets
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इसे repeat करते हुए नया भाव जोड़ें – “मैं सुरक्षित हूं”
मूड स्विंग्स डेली रुटीन को प्रभावित करने लगे हैं तो जानिए इनका कारण और इन्हें कंट्रोल करने के उपाय मन की बात
पर इस चीज़ की गारंटी है की वो इन पैसों से कभी खुश और निर्भीक नहीं रह पायेंगे.
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अगर नई स्किल से डरते हैं, तो माइक्रो-लेवल पर शुरुआत करें।
उसने तो सदा बस उलटे सीधे ही काम किये हैं. इस प्रकार की सोच उसके मष्तिष्क में एक तरह का भय पैदा करती है की अब आगे जब कोई संकट आएगा तो भगवान् भी मेरी मदद नहीं करेंगे. धीरे धीरे ये डर गहरा होता चला जाता है.
यदि कोई जानता है कि उसे किस बात से सबसे अधिक (भय) यानी डर लगता है तो उसके लिए डर को खत्म करना बहुत सारल हो जाता है। दरअसल डर एक प्रतिक्रिया है जो हमारी मनोदशा के रूप में सामने आता है जिसे हम तब महसूस करते हैं जब हमारी मनोदशा में किसी खतरे का अंदेशा होने लगता है
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परिचय – डर क्या है और यह कैसे पैदा होता है?
हर किसी के मन में किसी न किसी बात को लेकर डर की स्थिति होती है। इस मन के डर को कैसे निकालें, इसके लिए इन बातों का ख्याल रखें।
अपने डर को तर्क से तोलें – “सबसे बुरा क्या हो सकता है?”
एक बार मुझे एक मीटिंग में प्रेजेंटेशन देना था, जिसके लिए मैं तैयार नहीं थी। मैं बहुत डरी हुई थी। मेरी हथेलियां पसीने से भीगी click here हुई थीं और मेरे दिल की धड़कन भी बहुत तेज हो रही थी। मैं ध्यान लगा कर कुछ पढ़ भी नहीं पा रही थी। मुझे पता था कि मैं डरी हुई हूँ, इतने सारे लोगों के सामने बोलने का डर मुझे सता रहा था।
आपने जाना कि आपका डर तर्कसंगत नहीं है, यानि उससे डरने का असल में कोई मतलब नहीं है।